दोस्तों, यदि हम अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ा रहे हैं, तो साथ ही अपने वाहन और साधनों की सुरक्षा भी जरूरी है। हरियाणा रोडवेज की स्पीड को लेकर आप भलीभांति जानते हैं – ये रोड पर अक्सर 80-90 kmph तक पहुंच जाती है। सड़क पर सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है, और पब्लिक ट्रांसपोर्ट व सरकारी बसों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी कई बार चिंताजनक घटनाएं सामने आती हैं। स्कूल बसों की बात करें तो महेंद्रगढ़ जिले में निजी स्कूल की बस दुर्घटना का उदाहरण हमारे सामने है, जहां ड्राइवर नशे में था और कई बच्चों की जान चली गई।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश: GPS ट्रैकिंग, Emergency Link & Technical जांच
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने चंडीगढ़ में परिवहन विभाग के साथ बैठक कर सड़क सुरक्षा को लेकर कई ठोस फैसले लिए हैं:
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट में GPS ट्रैकिंग डिवाइस अनिवार्य।
- स्कूली बसों की निगरानी और नियमित तकनीकी जांच।
- सभी वाहनों की फिटनेस की रिपोर्टिंग अनिवार्य की जाएगी।
- महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के निर्देश।
- सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को Emergency सेवा 112 से जोड़ा जाएगा।
- सड़क दुर्घटनाओं के कारणों पर वैज्ञानिक अध्ययन (Scientific Study) कराया जाएगा।
बैठक में दोस्तों परिवहन विभाग के अधिकारी, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, और आयुक्त टी.एल. सत्य प्रकाश उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से निर्देश दिए कि निजी स्कूल संचालकों द्वारा चलाई जा रही बसों की तकनीकी स्थिति की गंभीरता से जांच हो और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
निष्कर्ष: हरियाणा सरकार की ये पहल क्यों जरूरी है?
दोस्तों इन सभी पहलुओं का मकसद यही है कि हरियाणा में सड़क दुर्घटनाएं कम हों, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, और भविष्य में ऐसी किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। एक जान की कीमत क्या होती है, ये बात अब सबको समझने की जरूरत है। इसी सोच के साथ यह Post समाप्त होती है।